प्रोसेसर क्या है, यह कैसे काम करता है?
किसी भी इलेक्ट्रोनिक उपकरण का सबसे प्रमुख भाग प्रोसेसर होता है। इसके वजह से ही इलेक्ट्रॉनिक सर्किट गणना (Calculation) करता है।
वास्तव में प्रोसेसर एक इंटिग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक सर्किट हैं जो कम्प्यूटर की गणना संबंधित कार्य करता है। एक प्रोसेसर अरिथमेटिकल (Arithmetical), लॉजिकल, (इनपुट/आउटपुट(आई/ओ) और अन्य आवश्यक निर्देशों इत्यादि सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को पास करता है।
इसके अलावा अन्य सभी प्रौसेस भी अधिकतर इसी प्रोसेसर पर निर्भर करता है। कंप्यूटर में उपयोग होने वाले प्रोसेसर को सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) कहा जाता हैं, जोकि कंप्यूटर का प्रमुख भाग है।
कम्प्यूटर का सीपीयू उन सारी जानकारी को हैंडल करने के कार्य करता है जो वह कम्प्यूटर के हार्डवेयर (हार्डवेयर) और सॉफ्टवेयर (सॉफ्टवेयर) से प्राप्त करता है।
प्रोसेसर क्या होता है ? (What is Processor?)
वास्तव में प्रोसेसर (Processor) या माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) एक छोटी सी चिप होती हैं जो कम्प्यूटर या किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में रहती है। इसका मूल कार्य दिए गए इनपुट का उचित आउटपुट देना है ।
देखने में ये काम बहुत आसान लगता है, लेकिन इसके इस काम के पीछे बहुत सारी जटिल गणनाएं होती हैं। आजकल के हाईटेक आधुनिक प्रोसेसर कुछ सेकंड्स में ट्रिलियन कैलकुलेशन लेते हैं।
कम्प्यूटर का सेन्ट्रल प्रोसेसर यूनिट (सीपीयू), प्रोसेसर सिस्टम के सभी बेसिक इंस्ट्रक्शन को हैंडल करता है, जिनमें माउस, कीबोर्ड इनपुट और सभी रनिंग एप्लीकेशन सम्मिलित हैं।
प्रोसेसर के कॉम्पोनेन्ट (Components of Processor)
प्रोसेसर के 2 मुख्यत: भाग होते हैं पहला कंट्रोल यूनिट (CU) और दूसरा अरिथमैटिक एंड लॉजिकल यूनिट (एएलयू-ALU)-
- कंट्रोल यूनिट (Control Unit) :- सीपीयू का ये भाग निर्देशों के पालन में सहायता करता है। यह ये बताता है कि निर्देशों का पालन कैसे करना है? यह सीपीयू को विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाले वायर से एक्टिवेट करता है, जिनमे एएलयू भी शामिल है। कंट्रोल यूनिट दो प्रकार की होती हैं-
- हार्डवेयर कंट्रोल यूनिट और
- माइक्रोप्रोग्रामेबल कंट्रोल यूनिट
जो हार्डवेयर कंट्रोल यूनिट निर्देशों की प्रोसेस को तेज़ी से कार्य करने में मदद करता है, जबकि माइक्रोप्रोग्रामेबल यूनिट काफी फ्लेक्सिबल होते हैं।
- अरिथमेटिक एंड लॉजिकल यूनिट (Arithmetic and Logical Unit) - ALU:- ये सभी अरिथमैटिक और लॉजिकल फंक्शन करती हैं। इसमें जोड़, घटाव जैसे ऑपरेशन लॉजिक गेट की सहायता से संपन्न करता है। अधिकतर लॉजिक गेट 2 इनपुट लेकर एक आउटपुट देते हैं।
प्रोसेसर कैसे काम करता है? (How does the Processor work?)
प्रोसेसर की कार्य प्रणाली को समझने के लिए रजिस्टर, रजिस्टर-लेचेज, इंस्ट्रक्शन जैसी टर्म्स को भी जानना जरुरी है।
इन सब बेसिक टर्म्स को समझने के बाद ये समझना सरल होता है कि कम्प्यूटर का प्रोसेसर कार्य कैसे करता है और साथ ही कम्प्यूटर को दिए जाने वाले निर्देश कैसे एग्जीक्यूट होते हैं। इसकी सभी जानकारी आपको यहाँ दी हुई है –
- स्टोरेज- रजिस्टर और मेमोरी (Storage - Registers and Memory):- सीपीयू को दिए हुए निर्देशों का पालन करने के लिए इसे डाटा की आवश्यकता होती है, कुछ डाटा इंटरमिडीएट डाटा होते हैं तो कुछ इनपुट या आउटपुट डाटा होते हैं. ये सभी डाटा अपने इंस्ट्रक्शन के साथ रजिस्टर या मेमोरी (रैम-RAM) में सेव होते हैं।
- स्टोरेज- रजिस्टर और मेमोरी (Storage - Registers and Memory):- सीपीयू को दिए जा रहे निर्देशों का पालन करने के लिए डाटा की जरूरत होती है, कुछ डाटा इंटरमीडिएट डाटा होते हैं और कुछ इनपुट या आउटपुट डाटा होते हैं। इन सभी डाटा को उनके निर्देशों के साथ रजिस्टर या मेमोरी (रैम-RAM) में सेव किये जाते हैं।
- रजिस्टर्स (Registers):- यह रजिस्टर लैचेज (Latches) का कॉम्बिनेशन होता है, लैचेज को लॉजिक गेट के फ्लिप-फ्लॉप के कॉम्बिनेशन के नाम से भी जानते हैं जो इन्फोर्मेशन का एक बिट (bit) स्टोर करता है। एक लैच में दो इनपुट वायर होते हैं पहला राईट एंड इनपुट वायर (Write and Input Wire) और दूसरा आउटपुट वायर (Output Wire) होता है। सीपीयू के पास आउटपुट डाटा को स्टोर करने के लिए रजिस्टर होता है, ये डाटा अन्य रजिस्टर को भेजा जाता है जोकि बस (BUS) द्वारा जुड़ा होता है । एक रजिस्टर इंस्ट्रक्शन, आउटपुट डाटा, स्टोरेज एड्रेस या किसी भी तरह के डाटा को स्टोर कर सकता हैं.
- मेमोरी (RAM):- अरेंज्ड और कॉम्पेक्ट (Compact) रजिस्टर को ही वास्तव में रैम कहा जाता है जिसमे अधिक से अधिक मात्रा में डाटा को सेव किया जा सकता है। यह रैंडम एक्सेस मेमोरी वोलेटाइल होता है मतलब कि पॉवर ऑफ करने पर डाटा ख़त्म हो जाता है। वास्तव में डाटा को पढने / लिखने के लिए उपयोग होने वाला रजिस्टर का कलेक्शन ही रैम कहलाता है।
इंस्ट्रक्शन क्या है? (What are Instructions):-
इंस्ट्रक्शन ग्रेनुयुलर लेवल का कम्प्युटेशन है जो कम्प्यूटर कार्य करता है। सीपीयू विभिन्न प्रकार के इंस्ट्रक्शन को प्रॉसेस कर सकता है , जिनमें निम्न प्रकार के इंस्ट्रक्शन शामिल हैं –
- अरिथमेटिक इंस्ट्रक्शन जैसे जोड़ और घटाव,
- लॉजिक इंस्ट्रक्शन जैसे एंड (and) और (or) एवं नॉट (not),
- डाटा इंस्ट्रक्शन जैसे मूव (move), इनपुट (input), आउटपुट (output), लोड (load) और स्टोर (store),
- कंट्रोल फ्लो इंस्ट्रक्शन जैसे- गोटू (goto), इफ..गोटू (if … goto), कॉल (call) और रिटर्न (Return),
- सीपीयू को ये नोटिफाई करना कि प्रोग्राम ने हाल्ट को बंद कर दिया हैं (Notify CPU that the program has ended Halt)
कम्प्यूटर को असेम्बली लैंग्वेज का उपयोग करते हुए इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं और ये असेम्बली लेंग्वेज कम्पाइलर द्वारा जनरेट होते हैं या फिर कुछ हाई लेवल लैंग्वेज से इंटरप्रेट किये जाते हैं।
कम्प्यूटर जिस इंस्ट्रक्शन के ग्रुप को परफोर्म करता है उसे इंस्ट्रकशन सेट (Instruction Set) कहते हैं।
कम्प्यूटर को दिए गये इंस्ट्रक्शन कैसे कार्य करते हैं? (How does an Instruction Executes) :-
इंस्ट्रक्शन रैम (RAM) में एक सीक्वेंशियल ऑर्डर में स्टोर होते हैं. एक हाइपोथीटिकल सीपीयू के लिए इंस्ट्रक्शन में ओपी कोड (Operation Code) और मेमोरी या रजिस्टर एड्रेस होता है।
जैसा कि ऊपर बताया है कि कंट्रोल यूनिट में दो प्रकार के रजिस्टर होते हैं, पहला इंस्ट्रक्शन रजिस्टर (IR) जो कि इंस्ट्रक्शन के ओपी कोड को लोड (Load) करता है और दूसरा इंस्ट्रक्शन एड्रेस रजिस्टर जो कि करंट एग्जिक्युटिंग इंस्ट्रक्शन के एड्रेस को लोड करता है।
इंस्ट्रक्शन को एग्जीक्यूट करने के लिए डाटा को मेमोरी में डाला जाता है फिर निम्न 4 स्टेप में कार्य पूरा होता है।
- कंट्रोल यूनिट डाटा को मेमोरी से फेच (Fetches) मतलब प्राप्त करती है।
- कंट्रोल यूनिट इंस्ट्रक्शन को डिकोड करती है और फिर आवश्यक डाटा को मेमोरी से अरिथमेटिक / लॉजिक यूनिट की तरफ मूव करती है।
- अरिथमैटिक यूनिट / लॉजिकल यूनिट अपने सम्बंधित, मतलब जो भी डाटा प्राप्त हुए हैं, उसके अनुसार इंस्ट्रक्शन को एग्जीक्यूट करती है, इस तरह एएलयू डाटा पर एक्चुअल ऑपरेशन को कंट्रोल और परफोर्म करता है।
- अरिथमैटिक / लॉजिक यूनिट इस ऑपरेशन के परिणाम को मेमोरी या रजिस्टर में स्टोर कर लेते है।
पहले दोनों स्टेप्स एक साथ यहाँ पर आई-टाइम (I-time) कहलाते हैं, वही तीसरे और चौथे स्टेप्स को एक साथ एग्जीक्यूशन टाइम या ई-टाइम (E-time) कहा जाता है।
अंतत: कंट्रोल यूनिट मेमोरी को आउटपुट डिवाइस या सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस में रिलीज करता है। आई-टाइम और ई-टाइम के कॉम्बिनेशन को ही मशीन साइकिल कहा जाता है।
प्रोसेसर के प्रकार (Types of Processor)
जब भी हम कम्प्यूटर या मोबाईल खरीदते हैं तो सबसे पहले प्रोसेसर और उसकी विशेषताओं को ही देखते हैं।
प्रोसेसर की क्षमता और इसकी स्पीड कम्प्यूटर के परफोर्मेंस को मुख्य रूप से प्रभावित करती है। प्रोसेसर की कार्य क्षमता इसके ऑपरेशन की गति और निर्माण तकनीक पर निर्भर करती है।
ज्यादातर डेस्कटॉप कंप्यूटर में इंटेल या एएमडी (Intel or AMD) का सीपीयू होता है, दोनों में ही एक्स-86 प्रोसेसर आर्किटेक्चर (x86 Processor Architecture) का उपयोग होता है।
कुछ मोबाईल डिवाइस जैसे लैपटॉप और टेबलेट में भी इंटेल और एएमडी के सीपीयू का उपयोग होता है, लेकिन इनमे कुछ विशेष कम्पनी जैसे एआरएम या ईपीएल (ARM or EPL) जैसी कम्पनियों के सीपीयू का उपयोग भी हो सकता है।
आधुनिक सीपीयू में मल्टीपल प्रोसेसिंग कोर का भी उपयोग होता है जो इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते हुए एक साथ मल्टी टास्क करते हैं।
हालांकि ये सभी कोर एक ही फिजिकल यूनिट में बनाये जाते हैं, लेकिन ये सभी इंडीविज्युअल प्रोसेसर होते हैं। यदि कम्प्यूटर की परफोर्मेंस को सिस्टम मॉनिटरिंग यूटिलिटी जैसे विंडो टास्क मैनेजर (विंडोज) या एक्टिविटी मॉनिटर (Mac OS X) देखे तो प्रत्येक प्रोसेसर का अलग से ग्राफ देख सकते हैं।
प्रोसेसर बनाने वालों कंपनियों के मध्य प्रतिस्पर्धा रहती है क्योंकि मार्केट में तरह-तरह के प्रोसेसर आते रहते हैं जो ज्यादा एडवांस होते हैं।
इंटेल और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (AMD) जैसे प्रोसेसर निर्माता लगातार ज्यादा से ज्यादा एडवांस्ड प्रोसेसर और नये मॉडल बनाकर कुछ महीनों के भीतर ही मार्किट में उतार रहे हैं।
ये पहले से कई अधिक हाई-टेक और एडवांस है क्योंकि पहले जहाँ कुछ प्रोसेसर जैसे 8086, 80286 और 802386 वर्षों के अंतराल में आते थे, वही अब महीनों के अंतराल में ही नए-नए प्रोसेसर मार्केट में लॉन्च हो रहे हैं।
प्रोसेसर कोर और क्लॉक स्पीड ही ये तय करता है कि एक समय में कितनी जानकारियाँ ग्रहण की जा सकती है।
जिस स्पीड पर कम्प्यूटर के कोर और क्लॉक स्पीड पर साथ मिलकर कार्य करते हैं उसे ही प्रोसेसिंग स्पीड (Processing Speed) कहते हैं।
प्रोससेर कोर क्या है ? (What is a Processor Core?)
- प्रोसेसर कोर किसी भी कम्प्यूटर के सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट में इंडिविजुअल प्रोसेसिंग यूनिट है। प्रोसेसर कोर किसी एक सिंगल कंप्यूटिंग टास्क से इंस्ट्रक्शन प्राप्त करता है।
- क्लॉक स्पीड के साथ काम करते हुए प्रोसेस करता है और कुछ टेम्पररी जानकारियाँ रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) में भी सेव कर लेता है जबकि यूजर के सेव कमांड देने पर हार्ड ड्राइव में परमानेंट इन्फोर्मेशन के तौर पर सेव हो जाती है।
- आजकल बहुत से कम्प्यूटर में मल्टीपल कोर प्रोसेसर होते हैं जो कम्प्यूटर को मल्टीटास्किंग बनाते हैं, जैसे कोई वीडियो देखते हुए डोक्युमेंट एडिट करना या नए प्रोग्राम ओपन करना, ये सभी कार्य मल्टीपल प्रोसेसर कोर द्वारा ही सम्पन्न किये जाते हैं।
- कॉम्प्लेक्स वीडियो गेम या प्रोग्राम के लिए जरूरी है कि सीपीयू सभी इन्फोर्मेशन को सही तरीके से फीड करे। डिजिटल युग में मल्टीपल टास्क परफॉर्म करने के लिए प्रोसेसर कोर बहुत महत्वपूर्ण भाग हो गया है।
- मल्टीपल प्रोसेसर कोर का उपयोग हाइपर-थ्रेडिंग टेक्नोलॉजी (Hyper-Threading Technology) गेमिंग और कम्प्यूटर संबंधित कार्य दोनों के लिए आवश्यक हो गया है।
- वे प्रोसेसर जिसमें सिर्फ 2 कोर होते हैं उन्हें ड्युअल कोर प्रोसेसर (Dual-Core Processors) कहते हैं जबकि चार कोर वाले प्रोसेसर को क्वाड कोर प्रोसेसर (Quad-Core Processors) कहा जाता है। कुछ हाई –एंड वर्क स्टेशन (High-end Workstations) में कई प्रकार के कोर से जुड़े सीपीयू होते हैं जिनमें एक मशीन में आठ, बारह या कई बार इससे भी अधिक प्रोसेसिंग कोर लगे होते हैं।
क्लॉक स्पीड क्या होता है ? (What is Clock Speed ?)
एक क्लॉक साइकिल में कंप्यूटर एक इंस्ट्रक्शन को परफोर्म करता है लेकिन मॉडर्न कम्प्यूटर एक से अधिक निर्देशों को परफॉर्म कर सकता है।
कम्प्यूटर की क्लॉक स्पीड से ही निर्धारित होता है कि सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कितना जल्दी इन्फोर्मेशन या इंस्ट्रक्शन लेकर उस पर कार्य करता है। क्लॉक स्पीड को गीगाहर्ट्ज़ (GHz) में मापा जाता है।
मल्टी कोर प्रोसेसर सीपीयू और क्लॉक स्पीड को तेज करने के लिए ही डेवलप किये गये हैं। जितनी ज्यादा क्लॉक स्पीड होगी उतनी ही अधिक तेज़ी से सीपीयू अपने टास्क को पूरा करता है।
क्लॉक स्पीड और प्रोसेसर कोर के मध्य अंतर (Clock Speed vs. Processor Core)
- प्रोसेसर कोर और क्लॉक स्पीड दोनों का ही अलग-अलग फंक्शन है लेकिन दोनों का लक्ष्य एक ही होता है। कम्प्यूटर या लैपटॉप खरीदते समय कभी भी किसी एक की स्पीड को देखकर निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
- क्योंकि ये दोनों ही भाग कंप्यूटर के फंक्शन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।
- इन दोनों में अंतर को समझने के बाद ही बेहतर कम्प्यूटर का निर्धारण किया जा सकता है। यदि कोई वीडियो एडिटिंग के लिए कम्प्यूटर खरीदने की योजना बना रहा है तो उसके लिए हाई लेवल के के प्रोसेसर कोर की आवश्यकता होगी।
- जबकि इन्टरनेट ब्राउज़िंग एवं स्टैण्डर्ड प्रोग्राम के लिए सामान्य प्रकार के प्रोसेसर कोर और क्लॉक स्पीड की आवश्यकता होगी।
- प्रोसेसर कोर और क्लॉक स्पीड दोनों ही कम्प्यूटर के लिए आवश्यक अंग हैं। हाई क्लॉक स्पीड वाले कम्प्यूटर एक समय में किसी एक एप्लीकेशन को तेजी से चला सकते हैं ।
- जबकि ज्यादा प्रोसेसर कोर (डूएल या क्वाद कोर) वाले लेकिन धीमी क्लॉक स्पीड वाले कम्प्यूटर एक समय में एक साथ कई एप्लीकेशन पर काम करने की सुविधा देते हैं लेकिन सभी एप्लीकेशन की गति धीमी होती है।
- इसलिए कम्प्यूटर का चयन करने के लिए अपनी आवश्यकता को देखना आवश्यक होता है। सभी लोगों एक जैसे कम्प्यूटर की आवश्यकता नहीं होती।
- किसी को एक समय में एक ही एप्लीकेशन को चलाना होता है तो किसी को एक समय में कई सारी एप्लीकेशन पर काम करना होता है।
अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्न (FAQ)
लैपटॉप और डेस्कटॉप में से प्रोसेसर की अच्छी स्पीड किसकी होती है ? (Which is The Best Processor Speed in a Laptop and Desktop?)
लैपटॉप और डेस्कटॉप के सीपीयू में अंतर होता है। लैपटॉप के प्रोसेसर में कम पॉवर की जरुरत पड़ती है और साथ ही ये फ्लेक्सिबल होते हैं।
इसके प्रोसेसर काफी सुविधाजनक होते हैं लेकिन यदि किसी को एनीमेशन या विडिओ एडिटिंग के लिए हाई क्लॉक स्पीड की जरुरत पड़ने इसकी प्रोसेसिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए डेस्कटॉप का सहारा लेना पड़ेगा।
मल्टी कोर प्रोसेसर और हाइपर-थ्रेडिंग मेथड के विकसित होने के कारण लैपटॉप में भी ये सुविधा मिलने लगी है, लेकिन ये महंगे होते हैं ।
अधिकतर लैपटॉप में ड्युअल-कोर या कोर आई थ्री (Dual Core or Core I3) प्रोसेसर के बने होते हैं जो कि प्रतिदिन की जरूरतों को पूरी करने के लिए पर्याप्त होते हैं। कुछ में कोर आई-5 प्रोसेसर भी होते हैं जो लैपटॉप कंप्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता को बढा देते हैं।
इस तरह से सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की कार्य क्षमता प्रोसेसर पर निर्भर करता है।
ओक्टा कोर प्रोसेसर क्या होता है? (What is Octa Core Processor in Hindi?)
ओक्टा कोर प्रोसेसर में आठ कोर होते हैं जो एक साथ कई कामों को करने में सहायक होते हैं जो मुख्य रूप से लेटेस्ट स्मार्टफोन में उपयोग किये जाते हैं विशेषकर 4 जी मोबाइलों में ।